22 साल की उम्र में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बनी दीक्षा यादव की क़हानी

कहते है प्रतिभा किसी परिचय मोहताज नहीं होती एक साधारण परिवार में जन्मी दीक्षा यादव के इस लोकयुक्ति को चरित्तार्थ करके दिखाया है। मात्र 21 वर्ष के उम्र में उन्होंने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित ( P.G.T) परीक्षा मे अपने पहले ही प्रयास मे सफलता हासिल कर ली थी। हाल ही में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ( U.P.H.E.S.C) द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की परीक्षा में मात्र 22 साल की उम्र चयनित होके उन्होंने अपनी सफलता का एक नया आयाम भी लिख दिया। आज़मगढ़ ज़िले के एक छोटे से क़स्बे वैसाढीह(फूलपुर) के रहने वाली दीक्षा यादव ने ना सिर्फ़ अपने आसपास लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया है बल्कि युवा पीढ़ी के प्रेरणा श्रोत बन गयी है। उन्होंने अपने किए गये प्रयासों के बारे में बात करते हुए बताया अपने लक्ष्य और अपनी प्राथमिकताओं का समन्वय बनाना सबसे मुश्किल काम होता है ।कोई भी इन बातों ध्यान में रखकर जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उनकी इस सफलता से उनके परिवार तथा प्रियजनो सहित सभी लोग बेहद उत्साहित है। हम असीम शुभकामनाओं के साथ ...